- महात्मा गौतम बुध्द को शाक्यमुनि एवं तथागत के नाम से भी जाना जाता है.
- गौतम बुध्द का जन्म " लुम्बनी " में तथा परिनिर्माण " कुशीनगर " में हुआ था.
- बौध्ध साहित्यों की भाषा मुख्यतः पाली थी.
- गौतम बुध्द का प्रथम उपदेश "धर्मचक्रप्रवर्तन" कहलाता है.
- मध्य एशिया और चीन में बौध्ध धर्म के प्रचार का श्रेय " कनिष्क " को जाता है.
- जैन धर्म में वर्णित त्रिरत्न १) सम्यक श्रध्दा २) सम्यक ज्ञान ३) सम्यक आचरण
- जैन धर्म ग्रन्थ प्राकृत भाषा में लिखे गये है.
- हर्यंक वंश का संथापक "बिम्बिसार" बुध्द का समकालीन था.
- अजातशत्रु के शासनकाल में 483 ई.पू. प्रथम बौध्ध संगीति का आयोजन किया गया.
- पाटलीपुत्र नगर की स्थापना हर्यंक वंश के शासक उदयन ने की थी.
- द्रविड़ वैष्णव भक्त अलवार कहलाते है.
- सिकंदर के आक्रमण के समय भारत का शासक "धनानंद" था.
- मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य ने भारत में प्रथम अखिल भारतीय राज्य की स्थापना की.
- जूनागढ़ स्थित "सुदर्शन झील" का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य ने किया था.
- अशोक ने राज्याभिषेक के 8वे वर्ष में कलिंग युध्द (261ई.पू.) से द्रवित होकर बौध्द धर्म स्वीकार कर लिया.
- मौर्य शासक अशोक को बौध्द धर्म से दीक्षित करने वाला भिक्षु "उपगुप्त" था.
- अशोक के अधिकांश शिलालेखों की लिपि " ब्राम्ही " है जबकि कुछ खरोष्ठी लिपि में है.
- अजंता की गुफाएं (महाराष्ट्र) बौध्द और जैन धर्म से भी सम्बंधित है.
- गुप्त वंश का संस्थापक " श्रीगुप्त " था जिसके सबसे प्रतापी राजा समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहते है.
- समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण ने उनकी सफलताओं का वर्णन इलाहबाद प्रशस्ति में किया है.
- आयुर्वेद का विद्वान एवं चिकित्सक " धन्वन्तरी " चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार में था.
- नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी. नालंदा को 12वी सदी में मुहम्मद गौरी के सेनापति बख्तियार खिलजी ने नष्ट कर दिया था.
- पाल वंश का शासक गोपाल (750ई.) था इसी वंश के धर्मपाल ने " विक्रमशिला विश्वविद्यालय (भागलपुर, बिहार) " की स्थापना की थी.
- चालुक्य वंश के पुलकेशिन-II ने हर्षवर्धन को नर्मदा के तट पर पराजित किया जिसका उल्लेख एहोल प्रशस्ति में है.
- चोल वंश के शासक राजराज-I ने तंजौर (तमिलनाडु) में वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण किया.
- महाबलीपुरम के रथ मंदिर का निर्माण " नरसिंहवर्मन-I " ने किया था.
द्वारा:- विवेकानंद उर्जा पुंज, जबलपुर (म.प्र.)
आपका ब्लॉग सचमुच ज्ञान एवं उर्जा दोनो का पुंज है। हिंदी में ऐसी जानकारी बहुत उपयोगी है। आप की रुझान को देखते हुए यह भी निवेदन है कि हिंदी विकि पर भी लिखें। हिंदी की समृद्धि के लिये हिन्दी विकिपिडिया पर कम से कम एक लाख लेख करना बहुत जरूरी है।
ReplyDeleteUpayogi aur gyanvarddhak jaankaari. Thanks
ReplyDeleteज्ञानवर्धक जानकरी के लिए धन्यवाद|
ReplyDeletejai ho vivekanand ki.
ReplyDelete